Sunday, 17 May 2020

हमें घर पहुँचाओ साहब

हमे घर पहुँचाओ साहब
बस इतनी दया करो
आप देश चलाओ
मेहमानों का स्वागत करों
विदेश यात्रा करों
मंहगे सूट पहनो
मंहगी घडी पहनो
मंहगी गाडी में घूमो
देश का भरपूर विकास करो
पर हमें घर पहुँचाओ साहब
हम तो गरीब है
दो वक्त का खाना हमारे लिए बहुत है
हम क्या जाने पकवान
हम क्या जाने ब्रांडेड कपडे
हमें घडी की भी क्या जरूरत
गाडी तो छोड़ दो
हम तो पैदल भी चल लेंगे
हमें जाने दो
पुलिस हम पर डंडा न बरसाए
हमारा रास्ता न रोके
यही हम पर दया करें
किसी तरह हम पहुँच ही जाएंगे
भगवान की कृपा से
नहीं तो रास्ते में ही मर जाएंगे
हम तो भाग्य भरोसे है
हमें जाने दो
अपनो के पास
अपने घर
अपने गाँव
दया ही करनी है
मदद ही करनी है
तब मेहरबानी कर
हमें घर पहुँचाओ साहब

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