हमे घर पहुँचाओ साहब
बस इतनी दया करो
आप देश चलाओ
मेहमानों का स्वागत करों
विदेश यात्रा करों
मंहगे सूट पहनो
मंहगी घडी पहनो
मंहगी गाडी में घूमो
देश का भरपूर विकास करो
पर हमें घर पहुँचाओ साहब
हम तो गरीब है
दो वक्त का खाना हमारे लिए बहुत है
हम क्या जाने पकवान
हम क्या जाने ब्रांडेड कपडे
हमें घडी की भी क्या जरूरत
गाडी तो छोड़ दो
हम तो पैदल भी चल लेंगे
हमें जाने दो
पुलिस हम पर डंडा न बरसाए
हमारा रास्ता न रोके
यही हम पर दया करें
किसी तरह हम पहुँच ही जाएंगे
भगवान की कृपा से
नहीं तो रास्ते में ही मर जाएंगे
हम तो भाग्य भरोसे है
हमें जाने दो
अपनो के पास
अपने घर
अपने गाँव
दया ही करनी है
मदद ही करनी है
तब मेहरबानी कर
हमें घर पहुँचाओ साहब
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Sunday, 17 May 2020
हमें घर पहुँचाओ साहब
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