Wednesday, 27 May 2020

यही हमारी अपनी है

जब जिंदगी अपनी है
तब उसकी हर चीज हमारी अपनी है
वह खुशी हो या गम
सब हमारी अपनी है
किसी को अधिकार नहीं
जिंदगी में दखलअंदाजी करने का
जैसा जीना होगा हम जी लेंगे
वह हमारी मर्जी
मुसीबत हो या बीमारी
सबमें है मुस्कान जरूरी
जज्बा नहीं होने देना है कम
नहीं है ये हमेशा के मेहमान
आज आए है
कल चले जाएंगे
कुछ सिखा कर जाएंगे
कुछ समझा कर जाएंगे
असलियत से सामना करवा कर जाएंगे
कौन अपना कौन पराया
इसकी पहचान कराकर जाएंगे
जीने के लिए यह भी तो जरूरी
माटी के पुतले तो नहीं
हाड मांस के इंसान है हम
दिल और दिमाग दोनों है
वह सोचने और विचारने के लिए
शरीर काम करने के लिए
ऑखे देखने के लिए
भले बुरे का भेद समझने के लिए
इनको हमेशा खुला रखना है
वाणी तो है सबसे बड़ा हथियार
यह बहुत संभल कर चलाना है
मन है सोने जैसा
उसमें बुराईयों को नहीं बैठाना है
अपनी जिंदगी को शान से जीना है
नहीं किसी के सामने झुकना है
जो भी है
जैसी भी है
यही हमारी अपनी है

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