खुशी कहीं बाहर नहीं
यह तो हमारे मन में
सब कुछ मिलकर भी कोई खुश नहीं
अभावो में भी कुछ खुश
खुशी का कोई पैमाना नहीं
कुछ लोगों के बीच खुश
कोई अकेले में खुश
कोई काम करने से खुश
कुछ आराम में ही खुश
कोई घर में रहकर खुश
कोई बाहर भटक कर ही खुश
किसको किससे खुशी
वह तो वही जाने
हम तो बेकार में दूसरों की खुशी को अपने तराजू से तौलते हैं
जबकि वह बेमानी है
आप अपने काम से काम राखिए
किसी की खुशी में दखलअंदाजी नहीं
यही होगी सबसे बड़ी मेहरबानी
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Wednesday, 27 May 2020
सबसे बड़ी मेहरबानी
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