सरहद पर लडते लडते जवान शहीद
कुछ को पता कुछ को नहीं पता
चीनियों को खदेड़ते जान गंवाई
राजनीति हल्कों में हलचल
फिर शांत
श्रंद्धांजलि का दौर चला
एक एक्टर की मौत
किसी से लडते हुए नहीं
अपने आप से अंदरूनी वजह
क्या हुआ क्या नहीं
कारण का लग रहा अनुमान
सबके अपने-अपने तर्क
कर ली खुदखुशी
दोनों घटना कमोबेश एक ही समय
एक्टर की घटना से
पूरा समाज है बौखलाया
सोशल मीडिया पर विचारो की भरमार
मन थोड़ा उलझा हुआ
समझ नहीं आता
असली हीरो कौन ???
वह जिसने अपना जीवन अपने ही हाथों खत्म किया
सबको रोता छोड़ गया
समाज पर एक अनुत्तरित प्रश्न छोड़ गया
या
वह जो सीमा पर शहीद हुआ
देश को सुरक्षित कर गया
अपने लिए नहीं
देश के लिए बलिदान दे दिया
नायक तो दोनों ही
एक परदे पर
एक असल जिंदगी में
कौन किस पर भारी
यही सोचना बाकी
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