Sunday, 21 June 2020

बच्चे तुम्हारी जागीर नहीं

बच्चे तुम्हारी जागीर नहीं
तुमने उनको जन्म दिया
अपने खुशी के लिए
वे तुम्हारे माध्यम से संसार में जरूर आए
संसार को देखने का उनका अपना नजरिया
उनका अपना अस्तित्व
उनके अपने सपने
मान लिया शरीर तुम्हारा दिया हुआ
आत्मा तो उनकी अपनी
आप उनसे प्यार कर सकते हैं
उन पर शासन नहीं
उन्हें क्या करना है
क्या बनना है
उन्हें सोचने दीजिए
करने दीजिए
अपनी इच्छा उन पर लादने की कोशिश न करें
आप जो चाहते हैं इसलिए ऐसा
उनको चाहने दीजिए
कब तक उसके साथ साये की तरह रहेंगे
उसका साया बनेंगे
हट जाइए
अकेले चलने दीजिए
गिरने पडने दीजिए
अपने आप उठने दीजिए
हर एक की अपनी राह
वह किसी दूसरे की राह कैसे चलेगा
जब तक जरूरत है
तब तक साथ रहें
बिना जरूरत के नहीं
कब तक साथ निभाएगे
जब साथ आए नहीं तो साथ रहेगा कैसे नहीं
सबकी अपनी तकदीर
सबका अपना भाग्य
सबका अपना कर्म
आप माता पिता तो हो सकते हैं
भाग्य-विधाता नहीं
हर व्यक्ति अकेला आया है
अकेला ही जाएंगा
कितना भी कस कर पकड़ लो
एक दिन छूटना ही है
तो फिर समय रहते क्यों नहीं
कोई आपकी जागीर नहीं
बच्चे तो कभी नहीं .

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