Thursday, 4 June 2020

जब तक ये तब तक क्या डर

बादल आए और गए
तूफान आया और गया
मुसीबत भागी
मुस्कान खिली
समुंदर शांत
मुंबई हैरान
जब जब आनी होती है विपदा
आते आते वह कहीं घूम जाती है
दूसरी दिशा का मुख मोड लेती है
हाजी अली की दरगाह
महालक्ष्मी का मंदिर
सब वैसे के वैसे
खडे रहते हैं
लहरें आती है
दूर से ही प्रणाम कर चली जाती है
सुरक्षित है हमारी मुंबई
इन्हीं की कृपा से
जब तक ये है
तब तक क्या डर

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