Thursday, 4 June 2020

मैं गुलमोहर

गुलमोहर खिल रहा है
लाल सूर्ख रंग में चमक रहा है
बरखा के आगमन का संदेश दे रहा है
हरियाली में समेटे हुए
पेडो पर झिलमिला रहा है
ऑखों को भी भा रहा है
सब देख रहे हैं
आते आते सबको बुला रहा है
कुछ क्षण तो निहार लो
अब तो आनंद ले लो
मन को शीतल कर लो
बरखा रानी आएगी
मन भर मुझे भिगोएगी
मैं झूम झूम कर नाचूगा
अपनी खूबसूरती पर इतराऊगा
सडकों को फूलों से पाट दूंगा
सबको सुगंधित कर दूंगा
वातावरण को महका दूगा
सब जगह लाली लाली
अच्छी लगती है
जब होती चहुँ ओर हरियाली
बस यही कहना चाहता हूँ
तुम सबसे
      मैं गुलमोहर

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