Friday, 26 June 2020

रोटी है तो गोल

रोटी बनाना कोई खेल नहीं
रोटी कमाना भी आसान नहीं
घर हो या बाहर
इसी के इर्द-गिर्द घूमती है दुनिया

बनाने में जो मेहनत
वह तो गृहिणी ही जाने
सबको चाहिए रोटी
आटा गूंथने से लेकर सेंकने तक लम्बा प्रोसीजर
वह भी कभी फूली
कभी जली
कभी अधकची
कभी टेढ़ी मेढी
ध्यान न दो हाथ ही जल जाय
यह सब करने के बाद मिलती है खाने को रोटी

रोटी कमाना यह खाने का काम नहीं
पसीना बहाना पडता है
दिन रात मेहनत करनी पडती है
बातें सुननी पडती है
झुकना पड़ता है
कभी-कभी तो स्वाभिमान को ताक पर रख देना पडता है
तब जाकर नसीब होती है रोटी

रोटी है तो गोल
लोगों को भी गोल गोल घुमाती है
घर हो या बाहर
हजार चक्कर लगवाती है

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