चीनी अपनी मिठास
नींबू अपनी खटास
नमक अपना खारापन
करेला अपना कडवापन
आंवला अपना कसैलापन
मिर्ची अपना तीखापन
कभी नहीं छोड़ती
इनका उपयोग चाहे जिस तरह कर लो
ये अपनी उपस्थिति दर्ज करा ही देते हैं
यह कभी नहीं बदलते
हाँ खाने वाले स्वादानुसार इनका प्रयोग करते हैं
यह इनका गुण हैं
अगर ये बदल जाए तब बचता ही क्या है
किसी को कम
किसी को ज्यादा
किसी को बिल्कुल नहीं
लेकिन जरूरत उनकी है
ये क्यों बदले
सी सी करो
मुंह बिचकाओ
जीभ ऐठाओ
ऑसू ले आओ
मुस्कान ले आओ
इन्हें क्या फर्क
जिसको जरूरत है वह उपयोग करें
न हो न करें
किसी की अपेक्षा या उपेक्षा से इन्हें क्या लेना देना
इन्हें भी पता है
बिना जरूरत के कोई नहीं पूछता
तब आप क्यों बदले
जैसे है वैसे ही रहिए
किसी के लिए अपने को मत बदलिए
जिसको आपके साथ संबंध रखना है
वे रखेंगे
अन्यथा कोई बात नहीं
आप अपनी राह
हम अपनी राह
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 19 June 2020
हर की अपनी राह
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment