Friday, 19 June 2020

हर की अपनी राह

चीनी अपनी मिठास
नींबू अपनी खटास
नमक अपना खारापन
करेला अपना कडवापन
आंवला अपना कसैलापन
मिर्ची अपना तीखापन
कभी नहीं छोड़ती
इनका उपयोग चाहे जिस तरह कर लो
ये अपनी उपस्थिति दर्ज करा ही देते हैं
यह कभी नहीं बदलते
हाँ खाने वाले स्वादानुसार इनका प्रयोग करते हैं
यह इनका गुण हैं
अगर ये बदल जाए तब बचता ही क्या है
किसी को कम
किसी को ज्यादा
किसी को बिल्कुल नहीं
लेकिन जरूरत उनकी है
ये क्यों बदले
सी सी करो
मुंह बिचकाओ
जीभ ऐठाओ
ऑसू ले आओ
मुस्कान ले आओ
इन्हें क्या फर्क
जिसको जरूरत है वह उपयोग करें
न हो न करें
किसी की अपेक्षा या उपेक्षा से इन्हें क्या लेना देना
इन्हें भी पता है
बिना जरूरत के कोई नहीं पूछता
तब आप क्यों बदले
जैसे है वैसे ही रहिए
किसी के लिए अपने को मत बदलिए
जिसको आपके साथ संबंध रखना है
वे रखेंगे
अन्यथा कोई बात नहीं
आप अपनी राह
हम अपनी राह

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