Thursday, 2 July 2020

बोझिल मत बनाओ

मन है तब सोच है
याद है
याद कभी दुख देती है
कभी सुख भी देती है
यादों का कारवां साथ साथ चलता है
हर याद को दिल पर रखना
तब तो खुश हो ही नहीं पाओगे
यादों के डायरी के दो पन्ने बनाओ
एक बालू यानि रेत के
दूसरा मजबूत चट्टान का
दुख को रेत के पन्नों पर लिखो
ताकि वह समय के बहाव में बह जाए
सब भूल जाए
सुख के पलों को चट्टान के पन्नों पर लिखो
ताकि वह हमेशा कायम रहे
सुखद एहसास कराता रहें
कोई भी बहाव उसका कुछ न बिगाड सके
न मिटा सके
उन बोझो को ढोने से क्या फायदा
जो चुभती हो
सालती हो
उस बोझ के साथ चलो
जो बोझ लगे ही नहीं
दिल को हल्का महसूस कराए
प्रसन्नचित्त करें
जिंदगी को अनचाहे बोझ से बोझिल मत बनाओ

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