गुरु का स्थान
हमेशा से ऊंचा
गुरु हमेशा सम्मान का पात्र
जीवन में अनगिनत गुरु
एक ही गुरु नहीं
हम सोचे तो
हर पल हम कुछ न कुछ सीखते ही है
उस समय शायद ध्यान न दे
पर उस अंजान की सीख ताउम्र
हर उस शख्स को मन से प्रणाम
वह व्यक्ति हो
पेड पौधे हो
पशु पक्षी हो
नदी तालाब हो
धरती आसमान हो
सजीव निर्जीव हो
सब हमें कहीं न कहीं किसी रूप में सिखाते हैं
माँ के गर्भ से बाहर निकलते ही सीखना शुरू
जो ताउम्र चलता है
सीखना ही जिंदगी है
और गुरु की उसमें अहम् भूमिका
हर उस गुरु को नमन
जिनसे हमने समय समय-समय पर सीखा
Happy Guru Purnima
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Sunday, 5 July 2020
Happy Guru Purnima
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