Sunday, 5 July 2020

Happy Guru Purnima

गुरु का स्थान
हमेशा से ऊंचा
गुरु हमेशा सम्मान का पात्र
जीवन में अनगिनत गुरु
एक ही गुरु नहीं
हम सोचे तो
हर पल हम कुछ न कुछ सीखते ही है
उस समय शायद ध्यान न दे
पर उस अंजान की सीख ताउम्र
हर उस शख्स को मन से प्रणाम
वह व्यक्ति हो
पेड पौधे हो
पशु पक्षी हो
नदी तालाब हो
धरती आसमान हो
सजीव निर्जीव हो
सब हमें कहीं न कहीं किसी रूप में सिखाते हैं
माँ के गर्भ से बाहर निकलते ही सीखना शुरू
जो ताउम्र चलता है
सीखना ही जिंदगी है
और गुरु की उसमें अहम् भूमिका
हर उस गुरु को नमन
जिनसे हमने समय समय-समय पर सीखा
Happy  Guru Purnima

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