Saturday, 15 August 2020

सबसे प्यारा अपना हिंदूस्तान

यह मेरा वतन
यह मेरी मिट्टी
यह मेरी मातृभूमि
यह मेरी जननी
नहीं कर सकता
इससे कोई जुदा
तन मन धन
सब इससे जुड़ा
इस पर ही तो अधिकार मेरा
नहीं इसे कोई छीन सकता
न इससे अलग कर सकता
जन्म इसी मिट्टी में
खाक होना भी इसी मिट्टी में
जो भी है
जैसी भी है
मातृभूमि मेरी है
आन बान शान है
नहीं दूसरा देश सुहाता
दुनिया घूम भले ले
पर स्वर्ग तो यही है
हमारी ही जमी पर
हमारे ही अपनों के साथ
कितनी भी सुख सुविधा हो
कितना भी आलीशान हो
पर अपना घर तो अपना होता है
वहाँ हम मेहमान नहीं
स्वामी होते हैं
कुछ दिन के नहीं
हमेशा के
जन्मजात और जन्मसिद्ध अधिकार
तभी तो लगता है
सबसे प्यारा अपना हिंदूस्तान

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