यह मेरा वतन
यह मेरी मिट्टी
यह मेरी मातृभूमि
यह मेरी जननी
नहीं कर सकता
इससे कोई जुदा
तन मन धन
सब इससे जुड़ा
इस पर ही तो अधिकार मेरा
नहीं इसे कोई छीन सकता
न इससे अलग कर सकता
जन्म इसी मिट्टी में
खाक होना भी इसी मिट्टी में
जो भी है
जैसी भी है
मातृभूमि मेरी है
आन बान शान है
नहीं दूसरा देश सुहाता
दुनिया घूम भले ले
पर स्वर्ग तो यही है
हमारी ही जमी पर
हमारे ही अपनों के साथ
कितनी भी सुख सुविधा हो
कितना भी आलीशान हो
पर अपना घर तो अपना होता है
वहाँ हम मेहमान नहीं
स्वामी होते हैं
कुछ दिन के नहीं
हमेशा के
जन्मजात और जन्मसिद्ध अधिकार
तभी तो लगता है
सबसे प्यारा अपना हिंदूस्तान
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Saturday, 15 August 2020
सबसे प्यारा अपना हिंदूस्तान
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