हमें कमजोर मत समझो
हमें भी उत्तर देना आता है
यह अलग बात है
हम चाहते नहीं
किसी का दिल दुखाना
किसी की उपेक्षा करना
किसी पर व्यंग्य कसना
किसी को नीचा दिखाना
किसको फर्क पडता हो या न हो
हमें पडता है
हमारा अंतर्मन कचोटता है
दिल अशांत हो जाता है
पछतावा होता है
दिल को सुकून नहीं मिलता
इसलिए तो चुप रहते हैं
दो दिन की जिंदगी
कब उड जाए
यह तो किसी को नहीं पता
फिर इन सबसे क्या फायदा
खुश रहो और रहने दो
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Saturday, 12 September 2020
खुश रहो
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