Monday, 21 September 2020

विभव की आत्महत्या

दिल को शूट करू या दिमाग को
चलो दिमाग को ही शूट कर लेता हूँ
उत्तराखंड के युवा विभव ने यही किया
यहाँ कौन हावी हुआ
दिल पर दिमाग
या दिमाग पर दिल
दिमाग से भी सोचता तो यह नहीं करता
दिल से भी सोचता तो यह नहीं करता
दिल और दिमाग दोनों ब्लाक
आत्महत्या बढता जा रहा है
नैराश्य के गर्त में युवा सबसे ज्यादा डूब रहा है
प्रेम में असफल
बेकारी की समस्या
यह सब तो पहले भी था पर यह हाल नहीं था
अब तो दिल और दिमाग दोनों काम नहीं कर रहा है
छोटी छोटी बातों का बुरा मान जाना
आत्महत्या जैसा कदम उठाना
इतना बडा संगीन अपराध
अपने लोगों को जीते जी मार डालना
संघर्ष का सामना न कर पाना
जीवन से भागना
यह तो निरा स्वार्थ है
कायरता है
एक जीवन को झटके में खत्म करना
आत्महत्या जैसे फैशन बन गया है
उसने किया तो हमने भी कर लिया
अनमोल जीवन
माता-पिता की परवरिश
उनका प्यार - देखभाल
परिजनों का कुछ सोचा होता
तब दिल भी यही कहता
दिमाग भी यही कहता
ऐसा मत करो
ऐसा मत करो
जीवन का अंत तो इस तरह मत करो
अपने माता-पिता को जीते जी मत मारों
संघर्षो का सामना करों

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