Thursday, 22 October 2020

संबंध बराबरी वालों से करो

यह तो कोई बात नहीं
हम हाथ जोड़े तुम मुंह फेरो
हम झुक जाएं तुम तन जाओ
हम मीठा बोले तुम व्यंग करो
हम आदर दे तुम अपमान करो
हम अपनापन जताए तुम परायापन
हम एहसास दिलाएँ
तुम उन एहसासों की धज्जियां उडाओ
हम तुम्हें ऊपर उठाए
तुम बात बात में नीचा दिखाओ
हम तुम्हारी प्रशंसा करे
तुम बुराई निकालो
उसके बाद एहसान जताओ
हमारे लिए कुछ करने का
ऐसे निर्लज्ज तो हम भी नहीं
ऐसे एहसान से न कुछ करें
गलती तुम करों
निकालो हमारी
हो सकता है
हममें कुछ खामी हो
परिपूर्ण तो तुम भी नहीं
अपने भी गिरेबान में झांक कर देखें
अगर हमें आपकी जरूरत तो
आपको भी हमारी जरूरत
वह भले समझ में नहीं आए
पर वास्तविकता तो यही है
नहीं तो कोई बिना स्वार्थ के इस स्वार्थी दुनिया में संबंध नहीं निभाता
और जो संबंध विवश हो
वह संबंध नहीं मजबूरी है
वह आपकी हो या हमारी हो
तभी तो कहा गया है
संबंध बराबरी वालों से करो

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