Friday, 27 November 2020

जन्मभूमि से तो हमें भी प्रेम

मैं किसी दूसरी कौम का
इसलिए देखने का नजरिया भी अलग
हम भी इंसान है
हमारे अंदर भी मानवता है
हम भी देशभक्त है
देशभक्ति हमारी नसों में दौड़ता है
हमारे बाप दादा ने इसी मिट्टी में अपना खून - पसीना बहाया है
हम भी खुदा की इबादत करते हैं जो प्रेम और भाईचारा सिखाता है
हमें भी खून खराबा पसंद नहीं
देश का दुश्मन हमारा भी दुश्मन

हमारे देश की सफलता और विजय हमारी भी विजय
देश के विकास और उन्नति में हम भी भागीदार
जब भी कुछ दुर्देवी घटना होती है तब हम सबसे पहले शक के दायरे में
लोगों की शंकित निगाहें हम पर
लगता हमने ही कुछ गुनाह किया है
हम गुनाहगार है
हम देशद्रोहियों के साथ हैं
ऐसा कदापि नहीं
हम आंतकवादियों के साथ क्यों रहें
हमारा नाम क्यों बदनाम हो
हमको इसी माटी से प्रेम है
इसी में दफन हो रूखसत करेंगे

देशभक्ति किसी एक कौम की नहीं
देश के हर नागरिक की है
होनी भी चाहिए
इस भूमि के कर्जदार है हम
हमें आसरा दिया
फलने फूलने दिया
अपना हक और अधिकार दिया
स्वतंत्रता दी
कोई भेदभाव नहीं किया
तब हम नमकहराम कैसे हो सकते हैं

ऊपर वाले के दरबार में क्या मुंह दिखाएंगे
इसी मिट्टी में मरना है
जीना यहाँ मरना यहाँ
इसके बिना जाना कहाँ
हम आपके ही अपने है
कोई बेगाने नहीं
इबादत अलग-अलग भले हो
पर जन्मभूमि तो हमें भी उतनी ही प्रिय जितनी किसी और को

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