Wednesday, 11 November 2020

खेल और खिलाड़ी

जीवन परिपूर्ण
यह कभी होता नहीं
एक खत्म दूसरा शुरू
यह  वह खेल है
जो हमेशा खेलना है
हार जीत की परवाह किए बिना
थकान का बहाना नहीं चलता
हर बार उत्साह से
उसी जोश से
बार बार गिरो
उठ कर खडे हो जाओ
चोट लगती है लगने दो
कोई फर्क नहीं पड़ता
मरहम पट्टी कर लो
पर बैठना मत
बैठ गए तो बैठ गये
तब उठना मुश्किल
उछाल मारों
कूदो फांदो
जो चाहे जैसे चाहे
पर बीच में गेम क्वीट नहीं करना है
यह खेल है
आप खिलाडी है
तब कूद जाए मैदान में
बिना घबराएं
बिना डरे
तभी तो खेल का मजा आएगा

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