वह वफादार था
मेरा प्यारा था
अनाथ था
मैंने उसे अपनाया था
पाला पोसा था
वह मेरे हर सुख - दुख का भागीदार था
वह रहता था
तब मैं निश्चिंत रहता था
नहीं किसी का डर
चोर - उच्चको का तो दुश्मन नंबर वन
उठते - बैठते
खाते - पीते
सोते - जागते
हर समय साथ रहता
लाड लडाता
पूंछ हिलाता
दूसरों को देख तो भौ भौ
मुझे देख कूं कूं
लगता था खूंखार
मन का था भोला
पशु था पर मानव से बढकर था
दोस्त बडा प्यारा था
आज वह नहीं रहा
मुझे छोड़ चला गया
याद रह रहकर उसकी आती है
जान गए कि वह कौन था
वह मेरा टाॅमी प्यारा था
कहने को तो कुत्ता था
लेकिन दोस्त बडा प्यारा था
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Wednesday, 23 December 2020
दोस्त बडा प्यारा था
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment