देखा था पहली बार
जब तुमने फेरी थी नजर
वह नजर इस तरह बसी
अब तक है जीवित
प्रफुल्लित हो उठा था मन
मन कह उठा था
यही है मेरे सपनों वाला राजकुमार
मिल जाएं किसी तरह
इसकी नजर में भी बस जाऊं
तब जी भर कर लहराऊ
इतराऊ और झूमू
झूम उठी
जब संदेशे में हाॅ आया था
वह नजर जो तब मिली
वह पलकें जो तब झुकी
अब भी है वहीं ठहरी
आज ऑखों में तुम ही बसे
तुम ही से देखना
महसूस करना
इसी तरह रहे जीना
बना रहे साथ हमारा
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 25 December 2020
साथ हमारा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment