Wednesday, 16 December 2020

रिटायर तो होना है

रात ढल रही है
नयी सुबह आने के लिए
पुरानी पीढ़ी रिटायर हो रही है
नयी पीढ़ी को आगे आने के लिए
मौका देना है
तब अधिकार छोड़ना है
परिवर्तन को स्वीकारना
नहीं तो क्लेश के सिवा कुछ नहीं
एक ही बैठा रहेगा कुंडली मारकर
सालोसाल अपना ही चलाएगा
तब दूसरे कैसे पनपेगे
उनकी योग्यता की पहचान कैसे होगी
अवसर मिलेगा तभी तो कुछ करेंगे
इतिहास में जिन लोगों का नाम दर्ज है
उन्हें वह अवसर मिला था
तब उन्होंने वह सब किया
अगर भारत गुलाम नहीं होता
तब मोहनदास करमचंद गाँधी महात्मा नहीं होते
राष्ट्रपिता की उपाधि नहीं मिली होती
परिवार हो या राजनीति
सत्ता या अधिकार
दूसरो को भी हस्तांतरित करना है
यह नहीं कि मरण पर्यंत
या जब तक जबरदस्ती बेदखल न किया जाए
अपमानित न किया जाए
समय रहते ही सचेत जाना है
सम्मान और इज्जत के साथ
जीवन गुजारना है

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