Monday, 25 January 2021

तपना तो पडता है

तपना तो पडता है
स्वर्ण हो या लौह
मिट्टी हो या पीतल
जो तपा नहीं वह गढा नहीं
सुन्दर आकृति
सुन्दर कलाकृति
बिना तपे
बिना ठुके - ठकठकाए
बिना पीटे हासिल नहीं होती
आग में तो उतरना पडेगा
हालात और वक्त से दो - चार होना पडेगा
स्वयं को निखारना पडेगा
हर चीज का तोड़ निकालना पडेगा
आग में तो उतरना ही पड़ेगा
तब जाकर जीवन में कुछ बन पाएंगा
पत्थर की मूर्ति तराश कर भगवान बनती है
इंसान को भी तराशना है
यह और कोई नहीं
स्वयं ही करना है
तभी तो सम्मानीय कहलाओगे
लोगों के बीच अपना स्थान बनाओगे

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