वह ग्रुप था हमारा
सालों का साथ था
यह ऑफिसियल ग्रुप था
बाहर के लोग को नहीं अलाऊ था
सबकी बातें शेयर होती थी
हर एक का जन्मदिन
अचीवमेंट
पाठशाला का हर मैसेंज
उनके बच्चों की
विद्यालय के बच्चों की
न चाहते हुए
या चाहते हुए
सब उससे जुड़े थे
एक स्कूल परिवार था
जानकारी सबको चाहिए थी
एक अटूट नाता था
बिना जोड़े जुड़ा था
अचानक रिटायरमेंट की बेला आई
रिटायर होते ही इस ग्रुप से भी नाता तोड़ना था
क्योकि यह प्रोटोकॉल है
ऑफिसियल आखिर ऑफिसियल है
बाहर के लोग का आगमन मना है
हम भी बाहर हो गए
समझदारी भी इसी में थी
किसी के कहने से पहले
पर ग्रुप से निकलने पर भी नाता नहीं टूटता
हर सुबह याद आती है
अब सबको ढूंढना पडता है
कौन कहाँ है
किसका जन्मदिन है
मैरिज एनवर्सरी है
हमारी याददाश्त तो ज्यादा नहीं है
हिसाब - किताब में जरा कमतर है
तब सब एक ही में थे
उनको शायद यह महसूस नहीं हो
वे तो अब भी जुड़े हुए हैं
निकले तो हम
निकलते हुए थोड़ा दुख तो हुआ था
अचानक कैसे बेगाने हो जाते हैं
बरसों का नाता पल में टूट जाता है
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Friday, 22 January 2021
वह हमारा ग्रुप था
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