Monday, 22 February 2021

कठोर बनना

मुझे बहुत बार तोड़ने की कोशिश हुई
सब नाकाम हुए
मुझे कहा गया
मैं पत्थर हूँ
मजबूत हूँ
सही भी है
पत्थर बनना पडता है
न जाने कितनी बार ठोकर मारी
पर मैं न हिला
सब साथ मिलकर भी हिलाने की कोशिश कर ली
तब भी मैं टस से मस न हुआ
ऐसा नहीं कि मुझे चोट नहीं लगी
लगती थी पर मन मसोसकर रह जाता था
सोचता था
लाख प्रयास करें
अपनी जगह बनाना है
तब हिलने से काम नहीं चलेगा
कठोर तो बनना ही पडेगा
कर्म में कठोर बनना ही पडता है
हिलते रहें तो हिलते रहेंगे

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