खूबसूरत हो तुम
यह अपनी नजर से देखो
दूसरे की नजरों से नहीं
स्वयं से प्यार करना सीखे
स्वयं का सम्मान करना सीखे
स्वयं को किसी से कमतर न ऑकना है
न किसी से तुलना करनी है
आप विधाता की अद्भुत कृति है
उसने बनाया है तब कुछ सोचा ही होगा
काला - गोरा
लंबा - ठिंगना
मोटा - पतला
इन सबमें क्या रखा है
एक सुंदर मन है
उसमें भावनाएं है
उसकी कद्र कीजिए
जो कुछ मिला है उसका उपयोग करना है
बुद्धि , बल , वैभव
सकारात्मक सोच के साथ जीवन जीना है
आपका व्यक्तित्व आपका है
उसे सजाना - संवारना भी तो आपके हाथों में है
जीवन बडा खूबसूरत है
उसको खूबसूरती से जीना
यही जीवन का मकसद हो
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Friday, 26 February 2021
खूबसूरत हो तुम
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