Monday, 1 March 2021

सब कुछ मुफ्त में मिलें

मैं गरीब किसान था अब नहीं
पहले मैं मेहनत करता था अब नहीं
पहले मैं कर्ज नहीं लेता था
आज तो लेता हूँ जमकर
पता है कुछ बरसों में माफ हो जाएंगा
बस अगले इलेक्शन आने तक
जब एक या दो रूपए में
गेहूं और चावल मिल रहा
तब मैं क्यों खेतों में खटू
मनरेगा में कुछ घंटे देकर
यहाँ वहाँ फावडा कुदाल चलाकर
जब कुछ पैसे मिल जाएं
तब हर्ज ही क्या है
अब मेरे पास मोटरसाइकिल  है
हाथ में मोबाईल है
यह फालतू की मेहनत कौन करें
खेती में अपना सर खफाए
इससे अच्छा सरकारी योजनाओं का लाभ ले
दो - चार महीने शहर में कुछ काम कर पैसे कमा आए
जिंदगी चलती रहेंगी
मकान के लिए
पढाई के लिए
शादी के लिए
और न जाने क्या - क्या
स्कीम है सरकार की
अब तो हम भी वहीं सरकार चुनेंगे
जो और कुछ दे
पहले वाले से ज्यादा
नेता तो शराब और कबाब तथा कुछ रुपये में टरका देते हैं
रातोरात करोड़पति बन जाते हैं
उसका कुछ
लाभ हमको भी मिले
सब कुछ मुफ्त में मिलें

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