मैं गरीब किसान था अब नहीं
पहले मैं मेहनत करता था अब नहीं
पहले मैं कर्ज नहीं लेता था
आज तो लेता हूँ जमकर
पता है कुछ बरसों में माफ हो जाएंगा
बस अगले इलेक्शन आने तक
जब एक या दो रूपए में
गेहूं और चावल मिल रहा
तब मैं क्यों खेतों में खटू
मनरेगा में कुछ घंटे देकर
यहाँ वहाँ फावडा कुदाल चलाकर
जब कुछ पैसे मिल जाएं
तब हर्ज ही क्या है
अब मेरे पास मोटरसाइकिल है
हाथ में मोबाईल है
यह फालतू की मेहनत कौन करें
खेती में अपना सर खफाए
इससे अच्छा सरकारी योजनाओं का लाभ ले
दो - चार महीने शहर में कुछ काम कर पैसे कमा आए
जिंदगी चलती रहेंगी
मकान के लिए
पढाई के लिए
शादी के लिए
और न जाने क्या - क्या
स्कीम है सरकार की
अब तो हम भी वहीं सरकार चुनेंगे
जो और कुछ दे
पहले वाले से ज्यादा
नेता तो शराब और कबाब तथा कुछ रुपये में टरका देते हैं
रातोरात करोड़पति बन जाते हैं
उसका कुछ
लाभ हमको भी मिले
सब कुछ मुफ्त में मिलें
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Monday, 1 March 2021
सब कुछ मुफ्त में मिलें
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment