Tuesday, 2 March 2021

तूफान तो गुजर गया

तूफान तो गुजर गया
न जाने पीछे क्या - क्या छोड़ गया
वह तो कुछ पल का था
जाते - जाते जिंदगी बदल गया
न जाने कितने उजड गए
न जाने कितने बर्बाद हो गए
जिंदगी बदल गई
बरसों से जो सहेजा था
वह पल भर में खत्म हो गया
आसमान से जमी पर ला पटक दिया
यह हमेशा रहें
यह जरूरी नहीं
फिर से उठ खडे हो सकते हैं
होते भी है
पर उसमें पीढियाँ गुजर जाती है
पहले का संचित सब खत्म
उस पीढ़ी का किया धरा सब मिट गया
तूफान की विभिषका से  सब खत्म हो गई

तूफान , तूफान ही होता है
मौसम का हो
जीवन का हो
सब कुछ बदल देता है
संवारने में
खडे होने में फिर प्रयास
वह इतना आसान नहीं
फिर जीवन बनाने में एक युग
तब भी वह पहले जैसा हो जाएं
यह कोई जरूरी नहीं

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