Tuesday, 27 April 2021

जब तक सांस तब तक आस

बहुत कुछ  देखा
बहुत  कुछ  सुना
बहुत  कुछ  समझा
बहुत  कुछ  सहा
फिर भी जंग जारी  रहा
हार माना नहीं
जो करना था वह किया
जो होना था वह हुआ
हर फैसला सही हो
यह जरूरी  तो नहीं
फैसला  हमारा है
तब परिणाम के जिम्मेदार  भी हम ही
क्या गिला और शिकवा
और किससे
भाग्य  से भगवान  से
क्या हासिल  होगा
डरे तो नहीं
डटकर  खडे  रहें
मैदान  छोड़ भागे  तो नहीं
कायराना  हरकत  तो नहीं  की
जिंदगी  के  हर मुकाम  का मुकाबला
यह कला हर किसी के पास नहीं  होती
युद्ध  लडो या मैदान  छोड़  भागों
असली योद्धा  वह जो रणभूमी  में  डटकर खडा रहें
वह तो हमने किया
आज भी डटे  हैं जिंदगी  के  मैदान  में
अंतिम  सांस  तक
क्योंकि जब तक सांस  तब तक आस

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