बहुत कुछ देखा
बहुत कुछ सुना
बहुत कुछ समझा
बहुत कुछ सहा
फिर भी जंग जारी रहा
हार माना नहीं
जो करना था वह किया
जो होना था वह हुआ
हर फैसला सही हो
यह जरूरी तो नहीं
फैसला हमारा है
तब परिणाम के जिम्मेदार भी हम ही
क्या गिला और शिकवा
और किससे
भाग्य से भगवान से
क्या हासिल होगा
डरे तो नहीं
डटकर खडे रहें
मैदान छोड़ भागे तो नहीं
कायराना हरकत तो नहीं की
जिंदगी के हर मुकाम का मुकाबला
यह कला हर किसी के पास नहीं होती
युद्ध लडो या मैदान छोड़ भागों
असली योद्धा वह जो रणभूमी में डटकर खडा रहें
वह तो हमने किया
आज भी डटे हैं जिंदगी के मैदान में
अंतिम सांस तक
क्योंकि जब तक सांस तब तक आस
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Tuesday, 27 April 2021
जब तक सांस तब तक आस
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