Sunday, 25 April 2021

अब तो कृपा करों हे पालनहार

अब तो कृपा करों  हे पालनहार
सब जगह मचा है हाहाकार
नहीं  सूझ  रहा किसी को कुछ
सब है डरे डरे से
सबका मन है सहमा  - सहमा
कब क्या हो
यही सोच मन घबराता
रहेंगे - बचेंगे
बिछुडेगे - खोएंगे
जान आफत में  है
सांस पर बन आई है
सरकार लाचार
शासन - व्यवस्था  लाचार
डाॅक्टर  लाचार
सब हैं  मायूस
है संकट  की घड़ी  बडी
सब है किंकर्तव्यविमूढ़
आज हैं  कल का कोई  पता नहीं
मरीजों  से अस्पताल  भरे पडे हैं
श्मसान  पर लाशों  के  ढेर  लगे हैं
सारी बुद्धिमानी  सारा ज्ञान
सब धरा का धरा
विज्ञान  भी है असहाय
मृत्यु  के मुहाने पर खडा हर व्यक्ति
डर से घर में  बंद है
फिर भी वायरस  का प्रकोप  जारी है
कहीं  न कहीं  से
प्रवेश  कर रहा है
लोगों  की  जान लील रहा है
कब तक यह मौत का तांडव चलेंगा
हे तारणहार  अब तो
नहीं  दिखता कोई  सहारा
इतना बेबस इतना लाचार
हो गया  है इंसान
अब तो दया करों
आओ देवदूत  बनकर
पृथ्वी  के  जीवों  का  दुख दूर करों
तुम्हारी कृपा अपरम्पार
जिस पर हो जाएं
सब संकट  दूर हो जाएं
बालक संकट  में  है हे परमपिता
अब तो इससे उबारो
इस करोना से मुक्ति  दिलाओ
भक्तों  की मदद करों
सब पुकार रहे हैं  त्राहिमाम  त्राहिमाम
इस त्रासदी को दूर करों
अपना वरदहस्त  सब पर रखों
यह जग फिर मुस्कराए  - खिलखिलाएं
जिंदगी  की  डोर तुम्हारे  हाथ में  हे दीनानाथ
दुखियों  का दुख दूर करों
हाथ जोड़ कर कर बद्ध प्रार्थना  है  तुमसे
अब तो अपनी कृपा बरसाओ
सभी  को  इससे मुक्ति  दिलाओ

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