शहद की मिठास
बोली की मिठास
दोनों ही मिठास से भरी
दिल दिमाग पर छायी
सुना है कितना भी पुराना शहद हो
वह खराब नहीं होता
दिन प्रतिदिन वह और मिठास में पगता जाता है
वही बात तो वाणी के संदर्भ में भी है
इसका प्रभाव भी सालों साल रहता है
वह मिठास से भरा हो या कटुता से
कटु वाणी ने तो महाभारत तक करा दिया है
सुमधुर वाणी ने दिल पर ऐसा प्रभाव डाला है
वह सालों साल कायम है
अपने वश में करना हो तब वाणी से बडा कोई प्रभाव शाली अस्त्र - शस्त्र नहीं
मिठास और कडवाहट
दोनों की अपनी - अपनी तासीर
पर मिठास की बात ही कुछ और है।
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