Friday, 30 April 2021

मिठास की बात ही कुछ और है

शहद की मिठास
बोली की मिठास
दोनों  ही मिठास से भरी
दिल दिमाग  पर छायी

सुना है कितना भी पुराना शहद हो
वह खराब नहीं  होता
दिन प्रतिदिन  वह और मिठास में  पगता जाता है

वही बात तो वाणी  के संदर्भ  में  भी है
इसका प्रभाव  भी सालों साल रहता है
वह मिठास  से भरा हो या कटुता से
कटु वाणी  ने तो महाभारत  तक करा दिया है
सुमधुर  वाणी ने दिल पर ऐसा प्रभाव डाला है
वह सालों साल कायम  है
अपने  वश में  करना हो तब वाणी से बडा कोई  प्रभाव शाली अस्त्र - शस्त्र  नहीं

मिठास और कडवाहट
दोनों  की अपनी - अपनी तासीर
पर मिठास की बात ही कुछ  और है।

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