Friday, 30 April 2021

आज नहीं तो कल हमारा ही है


डर लगता है आजकल
खबरों  की  भरमार
बस बीमारी और मृत्यु
इसके सिवा  कुछ  खबर ही नहीं
अखबार  उठा लो
पूरा अखबार  इसी से पटा - भरा
टेलीविजन  खोल लो
वही सब एक के बाद एक
सोशल मीडिया  पर देख लो
लगता है जीवन कहीं  गुम है
भय और निराशा
उदासी और घबराहट
ऐसा तो है  नहीं
हम मृत्यु  से परिचित  नहीं
बीमारी  से परिचित  नहीं
पर ऐसा डर कभी नहीं  लगा
यह तो अचानक  आ रही है
कब और कहाँ  से
यह भी खबर नहीं
डर और खौफ के साये में  जीवन
ऐसा तो कभी नहीं  रहा
फिर भी आशा है विश्वास  है
यह भी जाएंगी
यहाँ  कोई  स्थायी नहीं
बीमारी  भी नहीं
तब सकरात्मक बने रहना हर किसी की जिम्मेदारी
लोग ठीक भी हो रहे हैं
घर भी जा रहे हैं
पहले जैसा सामान्य  जीवन  भी जी रहे हैं
सब साथ खडे हैं
डाॅक्टर  - नर्स  , पुलिस - प्रशासन
समाजिक कार्यकर्ता  , समाज सेवी संस्थानें
हिम्मत  बनाए रखना है
आज नहीं  तो कल  हमारा ही है

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