वैसे तो मनुष्य के हाथ में कुछ नहीं है । सब नियति के हाथ में
लाभ - हानि , जीवन - मरण , यश - अपयश विधि हाथ ।
उस पर तो भाग्य पर तो हमारा वश नहीं।
हमारे हाथ में है संकट की घडी में धैर्य बनाए रखना।
सब कुछ ठीक हो जाएंगा यह आशा रखना ।
डाॅक्टर पर विश्वास रखना
ईश्वर पर श्रद्धा और आस्था
महाभारत की एक घटना है ।महाभारत युद्ध की तैयारियां चल रही थी ।कुरुक्षेत्र को साफ सुथरा किया जा रहा था ।पेड वगैरह कांटे जा रहे थे समतल जमीन करने के लिए। भगवान कृष्ण अपने परम सखा अर्जुन के साथ निरीक्षण कर रहे थे तभी एक छोटी सी चिड़िया आई उनके पास और प्रार्थना करने लगी । प्रभु जिस पेड़ पर मेरा घोंसला था वह काट दिया गया है । मेरे नन्हें - नन्हें बच्चे हैं मैं कहाँ जाऊं । कृष्ण ने उत्तर दिया इसमें मैं क्या कर सकता हूँ । ये सब तो होगा ही ।चिड़िया ने कहा , आप ही सब कर सकते हैं बस मुझे इतना आश्वासन दें कि मैं आप पर विश्वास तो कर सकती हूँ देवकीनन्दन ने हंसकर हाॅ कहा ।चिड़िया उड गई।
तभी एक हाथी आता दिखाई दिया ।कृष्ण ने अर्जुन से धनुष - बाण मांगा और चलाया ।हाथी के गले में बंधा घंटा टूट कर नीचे गिर पडा । अर्जुन ने उनसे कहा आप मुझे कहिए ।अभी इस हाथी को मार गिराता हूँ ।भगवान हंसते हुए बोले नहीं काम हो गया।
युद्ध खत्म हुआ । फिर कुरुक्षेत्र साफ करवाया जा रहा था । मुकुट - वस्त्र , अस्त्र - शस्त्र सब जो बिखरे हुए थे हटाए जा रहे थे ।
कृष्ण ने अर्जुन से कहा वह जो घंटा पडा है वह उठाओ अर्जुन ने सोचा यह क्या काम बता रहे हैं फिर भी कृष्ण ने कहा था ।टाल तो सकते नहीं थे ।रथ से उतरकर जैसे ही घंटा उठाया , चिडियाँ के बच्चे फडफडाते उड गए ।
अर्जुन को अब समझ आ गया था ।
यह लिखने का उद्देश्य यही है कि आस्था और धैर्य नहीं छोड़ना है ।
पिछले साल जुलाई में मुझे और मेरे पति को करोना हुआ था ।हम अस्पताल में एडमिट थे ।मन में डर तो था पर ईश्वर पर विश्वास भी था कि भगवान सब ठीक करेंगे ।
दूसरा डाॅक्टर के के अग्रवाल का मोबाइल पर करोना के बारे में सलाह । उनका प्रोग्राम हमेशा देखती थी और जब किसी के प्रश्न का उत्तर देते समय वे कहते
करोना हो गया है न
SO WHAT ???
तब तसल्ली मिलती थी ।जबकि मैं डायबीटीस - हायपर टेंशन की पेशेन्ट ।
ऑक्सीजन भी चढाया गया था । आखिर दस दिन बाद निगेटिव हो सकुशल घर वापसी ।
अब फिर पीक आया है डर तो लगता ही है । फिर भी सोच कर मन को तसल्ली दे देते हैं सब कुछ अच्छा होगा । यह बीमारी भी जाएंगी ही ।नकरात्मक होकर तो और स्वास्थ्य पर असर तो क्यों न सकारात्मक विचार रखें ।लोग अच्छे भी तो हो रहे हैं यह भी सोचा जाएं।
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Wednesday, 5 May 2021
करोना काल में धैर्य और विश्वास बनाएँ रखें
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