कितनी भी हो गमी
फिर भी कायम रखना अपनी हंसी
यह बडी नायाब है
दिल से दिल को जोड़ती है
अंजाने को भी अपना बनाती है
गम तो कुछ पल का रहता है
इसका साथ तो हमेशा
एक - दूसरे को पास - पास लाती है
हमेशा होठों पर रहती है
आ जाएं तो रूकती नहीं है
मुस्कराती है खिलखिलाती है
जीवन रसमय - सुमधुर बनाती है
यह जब खनकती है
अपने साथ वातावरण को भी खनकाती है
शरीर का हर अंग डोलता है
जब खुलकर आती हंसी है
हंसना - मुस्कराना
जीवन में नए-नए तराने छेडना
बस फिर सब मुश्किल आसान
आई रे आई हंसी
मस्ती में खिलखिलाई हंसी
तब जिंदगी भी मुस्कराई
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Friday, 21 May 2021
आई रे आई हंसी
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