पिता बोलता नहीं करता है
वह गरजता नहीं बरसता है
अपने बच्चों पर प्यार की बौछार
बिना जताए सब कुछ लुटाता है
घर की छत समान होता है
उसके आश्रय में परिवार रहता है
आसमान सा विशाल हदय रखता है
माँ का नाम होता है
जिसमें उसका योगदान होता है
बच्चों के लिए जो बन पडे
वह करता है
त्याग और बलिदान यह तो पिता से ज्यादा किसी के बस में नहीं
माॅ अगर गर्भ में नौ महीने रखती है तो वह ताउम्र मन में रखता है
स्वयं मेहनत करता है
बाॅस की डाट सुनता है
तब बच्चों का पेट भरता है
बच्चों को देख उसका सीना गर्व से चौडा हो जाता है
वह भले गले न लगाए
दिल से लगाए रखता है
दिखता है कठोर सा
पर बहुत नाजुक सा मन होता है
कर्म से बंधा होता है
तभी तो वह अनुशासन से लबरेज होता है
माॅ का नाम भले हो पर उसके पीछे बाप का प्यार होता है
चिंतित वह रहता है तभी माँ निश्चिंत रहती है ।
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Sunday, 20 June 2021
पिता बोलता नहीं करता है
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