आया आया तांगेवाला आया
उसमें थे उसके दो - दो घोड़े
लाल - काले और फुर्तीले
तांगा देख मन ललचाया
मन किया आज इस पर सैर किया जाय
बैठ गए हम सब
सरपट दौड़े घोड़े
जरा रूके पीठ पर सट से चाबुक पडती
तबकब तबकब घोड़े दौडते
हम जी भर मजे उठाएं
तांगा इतना भाया
कार भी बेकार लगा
उतर तांगे से घोड़े पर हाथ फिराया
खुश हो लगा सर हिलाने
गर्दन की घंटी बजी
टन टन टन
हम भी हंस पडे
हा हा हा
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Thursday, 3 June 2021
तांगा वाला
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment