Friday, 18 June 2021

एक शिक्षक का अपनी छात्राओं के लिए

तुमसे ही तो हम
तुम नहीं  तो कुछ  नहीं
तुम्हारी शैतानिया
वह अल्हड़पन
वह वाशरूम जाने की रिकवेस्ट
वह बडबड बडबड
वह इधर-उधर डोलना
वह दूसरे की काॅपी में  झांकना
कभी-कभी  झूठ भी बोलना
वह मासूम  सा बना चेहरा
वह पेपर में  एक अंक बढाने की मांग
यह सब तो बच्चों यह स्कूल जीवन की खासियत है
तुमने हमको परेशान नहीं  किया
यह तो हमारा भी जीवन का एक अंश था जो हमेशा-हमेशा साथ है
नमस्ते मिससससस वह कैसे भूलेंगे
बशर्ते  तुम न हमको भूलो
एक शिक्षक ही होता है जो बच्चों की  तरक्की पर खुश होता है
एक - दो बच्चों  ने कभी-कभी माफी मांगी
कभी-कभी उन्हें  ऐसा लगा कि उन्होंने  मुझे तंग किया
यह भ्रम  है 
हमें तो  आप की हर हरकत पर  प्यार आता था
जब खडा करती थी तो दया आती थी
चलो यहाँ  आकर नीचे बैठो
इसलिए ऐसा करती थी कि मन में प्यार था
बस कभी मिलो सामने
हमें पहचान  लो
यही  बहुत होगा
अपनी उन सभी छात्राओं के लिए
जिनके मन में  थोडा  भी  हमारे लिए सम्मान  होगा ।

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