तुमसे ही तो हम
तुम नहीं तो कुछ नहीं
तुम्हारी शैतानिया
वह अल्हड़पन
वह वाशरूम जाने की रिकवेस्ट
वह बडबड बडबड
वह इधर-उधर डोलना
वह दूसरे की काॅपी में झांकना
कभी-कभी झूठ भी बोलना
वह मासूम सा बना चेहरा
वह पेपर में एक अंक बढाने की मांग
यह सब तो बच्चों यह स्कूल जीवन की खासियत है
तुमने हमको परेशान नहीं किया
यह तो हमारा भी जीवन का एक अंश था जो हमेशा-हमेशा साथ है
नमस्ते मिससससस वह कैसे भूलेंगे
बशर्ते तुम न हमको भूलो
एक शिक्षक ही होता है जो बच्चों की तरक्की पर खुश होता है
एक - दो बच्चों ने कभी-कभी माफी मांगी
कभी-कभी उन्हें ऐसा लगा कि उन्होंने मुझे तंग किया
यह भ्रम है
हमें तो आप की हर हरकत पर प्यार आता था
जब खडा करती थी तो दया आती थी
चलो यहाँ आकर नीचे बैठो
इसलिए ऐसा करती थी कि मन में प्यार था
बस कभी मिलो सामने
हमें पहचान लो
यही बहुत होगा
अपनी उन सभी छात्राओं के लिए
जिनके मन में थोडा भी हमारे लिए सम्मान होगा ।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 18 June 2021
एक शिक्षक का अपनी छात्राओं के लिए
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment