मौसम का मिजाज
कब बदले
यह कोई नहीं जानता
कभी-कभी मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी गलत भी कभी सही भी
आज का कहा तो आज नहीं एक - दो दिन बाद बरखा होगी या और कुछ
इंसान का मिजाज कब और क्यों ??
कहाँ और कैसे ??
कब कहाँ पलटेगा
यह कोई नहीं जानता
मुखौटा पर मुखौटा ओढे हुए
न जाने किस - किसकी खाल पहने हुए
जानवर के भेष में इंसान
देवता के भेष में शैतान
सांप जहरीला है यह सर्वविदित है
इंसान का पता नहीं चलता
विश्वास करना मुश्किल
सबसे ज्यादा धोखा अपने कहे जाने वालों से
अपने परम मित्र से
अपने ही परिवार जनों से भी
तब क्या करें??
इतिहास भी गवाह है
न भाई,भाई का
न बाप , बेटे का
न बेटा ,बाप का
न पति ,पत्नी की
यहाँ तक कि जन्म देनेवाली जननी भी ।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Friday, 18 June 2021
मौसम का मिजाज
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment