Friday, 30 July 2021

औरत को समझना इतना आसान नहीं

औरत केवल औरत ही नहीं होती
वह माँ होती है
बहन होती है
पत्नी होती है
दोस्त होती है
प्यार से लबालब होती है
बिन मांगे बहुत कुछ दे जाती है
सारी जिंदगी खाना बनाती है
घर संभालती है
दुनियादारी निभाती है
सारा दारोमदार अपने कोमल कंधों पर लेकर चलती है
कोमलता और कठोरता का मिश्रण होती है
वह अपने लिए नहीं दूसरों के लिए सब करती है
त्याग कर
अपने पीछे रहकर
अपनों को आगे बढता देख खुश होती है
हमेशा ऑखों में ऑसू भरी होती है
यह खुशी और दुख दोनों के हो सकते हैं
इसका सबसे बडा अस्र- शस्त्र भी यही हैं
सबकुछ  उलट - पलट कर सकती है
यह चाहे तो महाभारत
यह चाहे तो रामायण
बहुत जटिल पहेली है यह औरत
इसको समझना इतना  आसान नहीं

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