हमने तो क्या सोचा था
हुआ क्या
जो देखा
जो सोचा
जो समझा
वह तो भ्रम था
ऑखों पर परदा था
हम इसी भ्रम जाल में जीते रहे
लोगों की बातों को नजरअंदाज करते रहे
नहीं पता था
हर बात का एक मतलब होता है
किसी ने आपके लिए कुछ किया भी
उसमें भी एक अहसान होता है
समय-समय पर यह एहसास दिलाता जाता है
आपकी कमजोरी को बताया जाता है
जताया जाता है
सही है
इस दुनिया में रहो तो शान से सर उठाकर रहो
जीओ तो स्वाभिमान से जीओ
समझौता करो पर उतना ही
हद से ज्यादा से नहीं
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Friday, 30 July 2021
हद से ज्यादा से नहीं
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