Friday, 16 July 2021

समझौता

सारी जिंदगी समझौता
कभी अपने से
कभी अपनो से
कभी आशा - आंकाक्षाओ से
कभी मन को मारा
कभी इच्छाओ का गला घोटा
कभी हसरतों को दूर से निहारा
कभी अपने शौक से किनारा
यह होता तो
वह होता तो
जब हुआ ही नहीं
तब जाने कैसा होता
कहने को तो कहते हैं लोग
बिना समझौता के जीवन नहीं
पर जीवन ही जब समझौता बन जाएं
हर वक्त समझौता
हर चीज में समझौता
तब फिर क्या सोचना
कर लेंगे
जो मिलेंगा स्वीकार
न कोई शिकवा न शिकायत
जी लेंगे
सब स्वीकार कर लेंगे
यह भी तो एक समझौता है ।

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