सारी जिंदगी समझौता
कभी अपने से
कभी अपनो से
कभी आशा - आंकाक्षाओ से
कभी मन को मारा
कभी इच्छाओ का गला घोटा
कभी हसरतों को दूर से निहारा
कभी अपने शौक से किनारा
यह होता तो
वह होता तो
जब हुआ ही नहीं
तब जाने कैसा होता
कहने को तो कहते हैं लोग
बिना समझौता के जीवन नहीं
पर जीवन ही जब समझौता बन जाएं
हर वक्त समझौता
हर चीज में समझौता
तब फिर क्या सोचना
कर लेंगे
जो मिलेंगा स्वीकार
न कोई शिकवा न शिकायत
जी लेंगे
सब स्वीकार कर लेंगे
यह भी तो एक समझौता है ।
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Friday, 16 July 2021
समझौता
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