पता नहीं वे लोग कहाँ हैं, कैसे हैं, हैं भी या नहीं। फिर भी हमारी यादों में हैं। समय-समय पर याद भी आते हैं और वे हैं हमारे गुरू।
मिसेज सुशीला गुप्ता ,मिसेज नारंग ,विनोद गोदरे सर , प्रभात सर , मिसेज बहल , पांडे सर ,कुरैशी सर
मिश्रा सर
बहुत कुछ बच्चों को पढाने की स्टाइल इन्हीं से सीखा था
ये जिस तरह पढाते थे हमने भी वैसा ही प्रयास किया ।
बहुत हद तक सफल भी रहें।
आज गुरु पूर्णिमा पर उन्हें सांष्टांग दंडवत।
मैं तो स्वयं बहुतों की गुरू रही हूँ सालोसाल हजारों विधार्थियों की ।
इस गुरू के भी ये गुरू हैं वंदन है सभी का ।
बिना गुरु के ज्ञान कहाँ ??
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Saturday, 24 July 2021
बिना गुरु के ज्ञान कहाँ
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