Friday, 20 August 2021

हम किससे कहें

हम नास्तिक नहीं है
आस्तिक है
उस परम पिता पर विश्वास है
श्रद्धा और आस्था है
फिर अगर दुख और पीड़ा हो
तब नाराज किससे हो
यह सही है
कि हम भगवान को कोसते हैं
हमारे साथ ही ऐसा क्यों  ??
हमारा भी तो कर्म है
जिसका फल मिलना है
पर कभी-कभी बिना गलती के भी
तब लगता है
हमारे भाग्य में ही यह सब
भाग्य को दोष
भगवान को दोष
परमपिता हैं  वे
तब किसे कहें
मन की बात

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