Sunday, 17 October 2021

हमने देखा है

हमने देखा है
पहाडों को झुकते हुए
हमने देखा है
चट्टानों को टूटते हुए
हमने देखा है
बरसात को रोते हुए
हमने देखा है
विशालकाय वृक्ष को ढहते हुए
हमने देखा है
हरे - भरे जंगलों में आग लगते हुए
हमने देखा है
सूर्य को अस्त होते हुए
हमने देखा है
चांद को बादलों में घिरते हुए
हमने देखा है
तारों को टूटते हुए
हमने देखा है
पपीहे को दो बूँद पानी के लिए तडपते
हमने देखा है
नदियों को सूखते हुए
हमने देखा है
उपजाऊ को बंजर होते
हमने देखा है
उडान भरते हुए धडाम से नीचे गिरना
हमने देखा है
शेर को सियार बनते
हमने देखा है
राजा को रंक बनते
हमने देखा है
करोड़पति को रोडपति बनते
हमने देखा है
शिक्षा को अपमानित होते
हमने देखा है
काबिलियत को तलवे चाटते
हमने देखा है
हुनर और योग्यता को दरकिनार होते
हमने देखा है
भ्रष्टाचारी को ऊँचे सिंहासन पर विराजमान  होते
हमने देखा है
अच्छे - अच्छों को हाथ जोड़ते हुए
हमने देखा है
जिंदगी को मजबूर होते
हमने देखा है
जीवन को बेरंग होते
हमने देखा है
असतित्व खत्म होते
बहुत कुछ दिखाती है यह जिंदगी
बहुत कुछ सिखाती है यह जिंदगी

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