Thursday, 21 October 2021

मैं पिता हूँ

तुम जो भी हो
जैसे भी हो
मेरे अंश हो
मेरी संतान हो
मुझे जान से भी प्यारे हो
तुम्हारा दर्द मेरा दर्द
तुम्हारी खुशी मेरी खुशी
तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं
मेरा वजूद है तुमसे
मेरा गरूर है तुमसे
तुम बिना मैं नहीं
जीवन भी सार्थक नहीं
तुम मेरी पूंजी हो
बरसों की तपस्या हो
मैं तो बगिया का माली हूँ
तुम्हारी देख - रेख मेरी जिम्मेदारी
असली बगिया के रौनक तो तुम हो
तुम्हारे बिना तो यह बगिया सूनी
मन भी मायूस
बगिया को लहराते देख
बडा होते देख
झूमते देख
मुझसे ज्यादा कौन आनंदित
मैं पिता हूँ।

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