Friday, 26 November 2021

जिंदगी जी जाती है

जिंदगी देखी नहीं जाती
जी जाती है
उस मंजर से रूबरू होना पडता है
बहुत से खेल खेलती है
बहुत नाच नचाती है
तब भी हम इसे नहीं छोड़ते
हम चाहते हैं
यह हमारे साथ ही रहें
हमें भी हंसने खिलखिलाने का मौका दे
हम बहुत कुछ चाहते हैं इससे
यह कभी देती है तो
छप्पर फाड़ के
कभी कोताही भी करती है
हम जो चाहते हैं
वह नहीं देती
वह जो चाहती है वह देती है
यह हमारी इच्छा नुसार नहीं
हम इसके इच्छा नुसार
यह कहने को तो छोटी है
एक ही बार मिलती है
कभी-कभी बहुत लंबी हो जाती है
हम इससे छुटकारा पाना चाहते हैं
यह छोडती नहीं
मनमौजी जो है
यही तो इसका सच है
यह देखी नहीं जाती
जी जाती है

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