Sunday, 28 November 2021

साथ अपनों का

वहाँ तुम  अकेले
यहाँ मैं अकेला
हैं साथ में दुनिया का रेला
हर तरफ है भीड़
उस भीड़ में भी हम अकेले
जब साथ हो कोई अपना
तब जहां भी लगता प्यारा
जब अपना ही कोई नहीं
तब हर कोई लगता बेगाना
यह दुनिया है
चलती रहेगी
हंसती रहेगी
खिलखिलाती रहेगी
बतियाती रहेगी
बस हमको रास नहीं आती
जब साथ अपना न हो
तब कैसी हंसी
कैसा मुस्कराना
कैसा बतियाना
उसका मजा तो साथ रहकर ही आता है ।

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