वहाँ तुम अकेले
यहाँ मैं अकेला
हैं साथ में दुनिया का रेला
हर तरफ है भीड़
उस भीड़ में भी हम अकेले
जब साथ हो कोई अपना
तब जहां भी लगता प्यारा
जब अपना ही कोई नहीं
तब हर कोई लगता बेगाना
यह दुनिया है
चलती रहेगी
हंसती रहेगी
खिलखिलाती रहेगी
बतियाती रहेगी
बस हमको रास नहीं आती
जब साथ अपना न हो
तब कैसी हंसी
कैसा मुस्कराना
कैसा बतियाना
उसका मजा तो साथ रहकर ही आता है ।
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
Sunday, 28 November 2021
साथ अपनों का
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment