Thursday, 2 December 2021

बेटी बचाओ

बेटी बचा ली
आने दिया इस संसार में
उसे प्यार दिया
अपनापन दिया
बेटे के बराबर दर्जा दिया
कोई भेदभाव नहीं किया

बेटी पढा ली
उसको पंख फैलाना है
ऊंची उड़ान भरनी है
सपनों को साकार करना है
आत्मनिर्भर बनाना है

अब वह सक्षम है
अपने पैरों पर खडी है
अपने फैसले स्वयं ले रही है

फिर भी चिंता है
क्योंकि वह बेटी है
वह असुरक्षित है
घर से लेकर सडक तक
कहीं भी सुरक्षित नहीं है

सरकार का तो नारा है
बेटी बचाओ , बेटी पढाओ
पर इन राक्षसों से हैवानो से
कौन बचाएगा
इससे तो अच्छा होता
उसे इस बर्बर संसार में आने ही नहीं दिया जाता
जब जलना है
मरना है
बलात्कार होना है

No comments:

Post a Comment