Tuesday, 21 December 2021

तब तो जुड़ भी सकता है

कितना भी टूटा हो
कैसे भी टूटा हो
यह तो हो ही नहीं सकता कि
फिर जुड़ न जाएं
टुकडे टुकड़े ही सही
जुड़ तो जाता ही है
उसके लिए फेवीकाल नहीं
हिम्मत और हौसला चाहिए
नए सिरे से फिर जीने की चाह चाहिए
भले ही चकनाचूर हो जाएं
तब भी बेकार नहीं होता
उसके चूरे को इकट्ठा कर एक नया रूप दिया जाता है
पता ही नहीं चलता
वह लकड़ी का बुरादा हो
संगमरमर का चूरा हो
एक नया और सुंदर फर्नीचर बन जाता है
भगवान की मूर्ति बन जाता है
टूटा हुआ जोड़ पौधे का घर बन जाता है
तब तो यह दिल है
टूटा है तो कोई बात नहीं
फिर जोड़िए
दिल के तार को झनझनाने दे
दुरूस्त कर ले
कुछ वक्त लग सकता है
मुश्किल तो नहीं
जब वह धडक रहा है
तब तो जुड़ भी सकता है

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