Friday, 31 December 2021

जाने वाले को भी आनेवाले को भी शुक्रिया

जा रहा है यह साल
कुछ घंटे ही बाकी है
फिर वह अतीत हो जाएंगा
बहुत कुछ देकर जा रहा है
कुछ खट्टी- मीठी यादें छोड़ जाता रहा है
कुछ नई उम्मीद देकर जा रहा है
यह देने - लेने का चक्कर चलता ही रहता है
आज जो है वह कल नहीं
जो कल वह परसों नहीं
बहुत कुछ खोता - पाता है इंसान
इस आने - जाने के चक्कर में
जिंदगी का चक्र तो चलता रहता है
न जाने कितने मिले
कितने बिछुडे
कुछ यादें मिटी
कुछ बाकी है
हर आनेवाला साल नयी खुशियाँ लेकर जाएं
पुराने की ससम्मान बिदाई हो
इक्कीस को अब अलविदा
बाइस का इंतजार
जाने वाले को भी
आनेवाले को भी
दोनों का आभार और शुक्रिया

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