Friday, 3 December 2021

यह अकेलापन खलता है

मुझे अच्छा लगता है तुम्हारा साथ
तुम्हारे बिना सूनापन लगता है
यह अकेलापन खलता है
बहुत रह लिए अकेले
अब साथ रहना है
बहुत उठा ली जिम्मेदारी
अब मुक्त होना है
बहुत सोच लिया दूसरों के बारे में
अब अपने बारे में सोचना है
बहुत फिक्र कर ली अपनों की
अब बस करना है
यह सिलसिला खत्म करना है
कब तक यह चलेगा
इसका तो कोई ओर छोर नहीं
अब छोडो भी यह
थोडा  स्वार्थी बन जाओ
बस अपने और अपने बारे में सोचो
जो जिंदगी बची है
वह जी लेना है
साथ रहना है
एक - दूसरे को सहारा देना है
अपनी बैसाखी खुद ही बनना है
जहाँ से शुरू हुआ था यह सफर
फिर वही पहुँचना है
साथ जीना है साथ मरना है
इस वादे को निभाना है
अब अकेलापन नहीं
साथी की जरूरत है

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