जन्म से लेकर अब तक साथ निभाया इसने
न जाने कितने वसंत देखें
कितने पतझड़ देखें
जीवन के अलग-अलग रंग देखें
नया नया रास्ता दिखाया
नयी दुनिया से परिचय करवाया
ममता और प्यार दिखाया
प्रकाश दिखाया
ज्ञान का माध्यम बनी
रात रात भर इसी के सहारे
बडी बडी किताबें पढी
डिग्री ली
फिल्म और समाचार देखी
हर क्षण साथ रही
दुख में रोई
सुख में हंसी
जाने अंजाने इसने जीवन के हर पहलू से रूबरू करवाया
अब तो यह भी थक रही है
धुंधली हो रही है
साथ छोड़ रही हैं
डर लग रहा है
इसके बिना जीवन जीना
नहीं नहीं
जीवन को तो दिखाया
अब मृत्यु को आते दिखाना
तब तक तो साथ निभाएगी न
ऐ मेरी प्यारी ऑखें
बहुत कर्ज है
तेरा मुझ पर
एहसान मंद हूँ
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